कोरोना काल में अस्थमा का कैसे रखें ख्याल और उपचार?



      अस्थमा क्या है ? 


         अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिसमें फेफड़ों के अंदर जाने वाले वायु मार्ग सिकुड़ जाते हैं और बलगम पैदा करने लगते हैं. जब ऐसा होता है तो सांस लेना कठिन हो जाता है, जिस वजह से दमे का अटैक हो सकता है. इनमें एलर्जी, जुकाम का वायरस, दवाइयां, धूल मिट्टी, ज्यादा कसरत करना आदि कारण हो सकते हैं.


 अस्थमा के लक्षण


•  दमा के रोगियों में सामान्य से तेज गति से सांस चलने लगती है या सांस लेने में बहुत अधिक कठिनाई होती है.

•  अस्थमा के रोगियों को घबराहट ज्यादा होती है और छाती में जकड़न सी महसूस होती है,साथ ही धड़कनें भी तेज हो जाती हैं.

•  अस्थमा के रोगियों में गले में खुजली होती है और हर शारीरिक गतिविधियों में थकान महसूस होती है,बार-बार खाँसी आना और अधिकतर दौरे के साथ खाँसी आना.
•   साँस लेते समय सीटी की आवाज आना.
•   छााती में जकड़ाहट तथा भारीपन और
साँस फूलना.
•    खाँसी के समय कठिनाई होना और कफ न निकल पाना.
•    गले का अवरूद्ध एवं शुष्क होना और बेचैनी होना.
•    नाड़ी गति का बढ़ना.


अस्थमा के  लक्षण और  अस्थमा के प्रकार की पूरी जानकारी के लिए यह पढ़िए.



अस्थमा के उपचार


  अस्थमा के रोगी क्या करे और क्या ना करे ? 


  क्या करे


•  सुबह की ताजी हवा में बाहर घूमने जरूर जाना चाहिए, इससे सुबह की साफ ऑक्सीजन मिलने से फेफड़े मजबूत होंगे.

•  अपने भोजन में गेहूं, पुराने चावल, मूंग दाल, चने की दाल, जौ और को शामिल करें

•  रोज श्वसन व्यायाम, योग और प्राणायाम करें

•   अपने खाने में लहसुन, अदरक और मिर्च का इस्तेमाल करें।

•   अस्थमा से छुटकारा पाने के लिए शहद और गुनगुना पानी  का सेवन करें.


  क्या न करें


•   अस्थमा के रोगी ज्यादा व्यायाम ना करें और प्राणायाम करते समय भी सांस की गति तेज न करें.

•   खाने-पीने में भी अस्थमा के रोगियों को खास सावधानी रखनी चाहिए.  कम तेल का  भोजन खाना  चाहिए. ज्यादा खट्टा खाने से भी बचना चाहिए.

•   भारी खाना, काले चने, मछली, मांस,तला हुआ  एवं सरसों न खाएं.

•   जुकाम और उमस भरे वातावरण से बचें.

•   ठंडा पानी, मिठाई, दही और बासी  फ्रीज में रखा गया खाना न खाएं.

•  अत्यधिक व्यायाम न करें.

•  धूम्रपान, धूल या धुएं वाली जगहों एवं प्रदूषित पर्यावरण में जाने से बचें.

अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, अस्थमा क्या है  पढ़े


  अस्थमा के रोगी कैसे रखें   कोरोना काल में  विशेष सावधानी ? 

            

    अस्थमा  रोगियों पर कोरोना वायरस  बहुत ज्यादा प्रभावित कर सकता है, क्योंकि इनके फेफड़े  पहले से कमजोर होते हैं. जिससे कोरोना वायरस होने पर इनका संक्रमण इनके फेफड़ों को बहुत जल्दी खराब कर सकता है.


             कोविड की वजह से अब लोग काफी  सहमें और डरे हुए हैं. थोड़ी-सा जुकाम- छींक - खांसी आने पर डर लगा रहता है कि कहीं कोरोना तो नहीं हो गया, लेकिन कोरोना के लक्षण हर किसी में एक जैसे नहीं होते हैं अलग अलग होते है. ऐसे लोग जिनकी इम्यूनिटी अच्छी होती है, उन्हें कोरोना वायरस कुछ खास प्रभावित नहीं कर पाता है और जल्दी ठीक हो जाते हैं. चिंता करने वाली बात उन लोगों के लिए है, जो पहले से ही किसी ना किसी बीमारी से पीड़ित हैं और उस वजह से उनकी इम्यूनिटी कमजोर है. इसके कारण से अस्थमा रोगियों को कोरोना वायरस बहुत ज्यादा प्रभावित कर सकता है, कोरोना वायरस से बचने के लिए कैसे इसका ख्याल रखा जा सकता है.


   अस्थमा का अटैक आने पर क्या करें  ? 


1. चाय, कॉफी या गुनगुना पानी पीएं जिससे सांस नलिकाओं को खुलने में मदद मिलेगी.

 2. अटैक आने पर घबराएँ नहीं बल्कि  आरामदायक स्थिति  या कमर को सीधा रखकर बैठ जाएं अगर बैठा नहीं रह सकते तो सीधा खड़े हो जाये और गहरी सांस  लेते रहे. अटैक आने पर लेटना नहीं चाहिए इससे स्थिति बिगड़ जाती है.

3. इन्हेलर और नेब्युलाइज़र, जो दवा के साथ उपयोग किया जाता है,जिसे फेफड़ों में गहराई सांस मिलने में मदद मिलती हैं.



  अस्थमा के आर्युवैदिक उपचार और कोरोना काल में अस्थमा रोगी उपयोग करें  ये उपाय


• अदरक 

अदरक की तासीर  गर्म होती है, इसलिए यह दमा के रोगियों को बहुत फायदा पहुंचाने में मदद करती है. अदरक अस्थमा के खिलाफ लड़ाई में बहुत लाभदायक है. सभी प्रकार की श्वसन क्रियाओं  के उपचार के लिए आप  अदरक गीली सूखे दोनों उपयोग कर सकते हैं क्योंकि इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट और दर्द को दूर करने वाले गुण होते हैं. यह फेफड़ों में जाने वाले वायु मार्ग से अतिरिक्त बलगम और सूजन को खत्म करता है और उन्हें आराम भी देता है.

अदरक की चाय में लहसुन की 4 पिसी कलियाँ मिलाकर पिएं. यह अस्थमा का रामबाण इलाज करता है.

अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मेथी का काढ़ा और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएँ. दमा के मरीजों के लिए यह बहुत लाभदायक है.


 • लहसुन

अस्थमा का रामबाण इलाज करने के लिए आपको लहसुन का इस्तेमाल करना चाहिए. लहसुन अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है. लहसुन में एंटी वायरल और एंटीऑक्सिडेंट के गुण पाए जाते हैं, जिससे अस्थमा के रोगियों को बहुत फायदा होता है. अस्थमा के रोगी को  दूध में लहसुन की 4-5 कलियां उबालकर रोज लेना चाहिए . इससे अस्थमा में आराम मिलेगा.


• लौंग

सुबह -सुबह 3-4 लौंग को एक गिलास पानी में 5 मिनट तक उबालें. फिर इसे छानकर इसमें शहद मिलाकर गरमा-गरम पीने से अस्थमा में फायदा होता है. 


• अजवायन

अस्थमा से अनेक लोग पीड़ित रहते हैं. अगर आप  अस्थमा के रोगी हैं तो आपके लिए बेहद आसान उपाय है. अस्थमा का जड़ से हटाने के लिए आप पानी में अजवायन डालकर इसे उबालें और अजवाइन के उबले हुए पानी की भाप लेने से भी दमा के रोगी को राहत मिलती है. यह अस्थमा का जड़ से  मिटाने के लिए आसान रामबाण उपाय है.


• हल्दी

हल्दी बहुत ही गुणकारी मसाला है. इसलिए अगर आप अस्थमा  ना हो और अस्थमा का का सफल  उपचार करना चाहते हैं तो दूध में हल्दी प्रतिदिन डालकर पिएँ.


• तुलसी

तुलसी  लोंग तेज पत्ता,सोंठ, सेंधा नमक, जीरा, भुनी हुई हींग और तुलसी के पत्ते को पीसकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इसे पीने से अस्थमा की समस्या दूर हो जाएगी.


• नीलगिरी तेल

नीलगिरी के तेल में नीलगिरी रहताहै और नाक के द्वारा वायु मार्ग को साफ करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है क्योंकि, इसमें बलगम को तोड़ने की ताकत होती है। यह अस्थमा  और दमा के घरेलू उपाय का सबसे अच्छा तरीका है। एक तौलिया या नैपकिन पर इस तेल की कुछ बूंदें डालें और जब आप सो रहे हों, तो इसे अपनी नाक के करीब रखें. आप उबले हुए गर्म पानी  में तेल की कुछ बूंदें डालकर सीधे भांप ले सकते हैं.


•  शहद

अस्थमा का दौरा बार-बार न पड़े इसलिए हल्दी और शहद और अदरक का रस मिलाकर चाटना चाहिए. यह अस्थमा के सफल इलाज  में  सहायक है.


• अंजीर
अंजीर कफ जमने से भी रोकता है. सुखी अंजीर को पानी में रात भर भिगोकर रख दें. सुबह खाली पेट इसे खाले और उसका पानी पी ले ऐसा करने से वायु मार्ग में जमा हुआ बलगम ढीला होकर बाहर निकल जाता है यह अस्थमा का सफल इलाज है.


         आर्टिकल में हमने आपको दमा अस्थमा से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है. उम्मीद है आपको हेल्थ केयर की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी.


      इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके  उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है.यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है. यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें. यहां पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के ना करें. यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको होने वाले किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए  Health care system जिम्मेदार  नहीं होगा.


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