How do you do color therapy at home 2020 ?

कलर थेरेपी के इस्तेमाल से किया जाता है कई रोगों का उपचार, जानिये कैसे काम करती है ये थेरेपी

        मानव के शरीर  में पांच तत्व होते है.वायु, जल, अग्नि, मिट्टी और आकाश से मिलकर  मानव शरीर बना है। ये पांचों तत्व मिलकर हमारे शरीर में मौजूद वात, पित्त और कफ का संतुलन बनाकर रखते हैं। इन तीसंतुलित रहने पर ही हम स्वस्थ रहते हैं। लेकिन जब इन तीनों में से कोई भी एक तत्व असंतुलित हो जाता है, तब हम बीमार हो जाते हैं। यानी, यह असंतुलन बीमार होने का संकेत देते हैं.लेकिन जब शरीर में वात, पित और कफ में से कोई भी तत्व असंतुलित हो जाता है या कोई विकार हो जाता है, तब हमारे शरीर के ये चक्र प्रभावित हो जाते हैं। कलर थेरेपी के अंतर्गत शरीर के चक्रों में उपजे इन्हीं विकारों की पहले पहचान की जाती है। फिर विभिन्न रंगों के इस्तेमाल से उन्हें दूर किया जाता है।

         इंसानों के लिए भगवान ने कितनी सुंदर बनाई है ये दुनिया.इसमें बहुत सुंदर रंग है क्या आपने बिना कलर के ये दुनिया कैसी दिखेगी,इमेजिंग करो कितनी बेकार लगेगी ये बैरंग दुनिया. ये रंग हमारी आंखों को भी सकूंन नहीं देते हैं बल्कि हमारे शरीर के अंगों को भी प्रभावित करते हैं कलर थैरेपी यानी रंगों के द्वारा उपचार 





       हाथों पर कलर कैसे लगाए -कलर को अपनी अंगुली में हम एक रिंग की तरह लगाएंगे जो आगे से शुरू होकर पीछे से घूम कर वापस आगे मिलानी है एक अंगूठी की तरह. सारे कलर ऐसे ही रिंग की तरह घुमाकर लगाना है. इस कलर थेरेपी में ब्रश कलर और स्कैज कलर और मार्कर काम में लेते हैं.

         डॉ मंजू रांका ने बताया है कि शरीर और मन दोनों को शांत और स्वस्थ बनाने में फायदेमंद है कलर थेरेपी.

       कलर थेरेपी कैसे काम करती है. यह जानते हैं.



        कलर थैरेपी के द्वारा उपचार


     Colour therpy for Constipation (कब्ज का इलाज )- जब हमें कब्जी हो जाती है तब हमें दोनों हाथ की छोटी अंगुली पर अप्पर जॉइंट पर रेड कलर लगाना चाहिए यह दोनों जॉइंट इनटेस्टाइन के होते हैं. दाएँ हाथ में लार्ज इनटेस्टाइन और बाएँ हाथ में स्माल इनटेस्टाइन के होते हैं. इसको आप रात में भी लगा सकते हैं क्योंकि सनलाइट से इसका कोई भी रिलेशन नहीं है.

       Colour therpy for fever ( बुखार का इलाज)- दोनों हाथ की इंडेक्स फिंगर मिडिल ज्वाइंट ज्वाइंट पर ब्लैक कलर लगाना चाहिए और बाएँ हाथ पर थम के लास्ट जॉइंट पर ब्लैक कलर लगाना चाहिए इससे बुखार जल्दी ठीक हो जाएगा.
       Colour  therpy For loose motion ( दस्त लगना) - कई बार स्टमक में कोई इंफेक्शन हो जाए चाहे वह  बैक्टीरिया हो या वायरल इनफेक्शन उसकी वजह से लूज मोशन हो जाता है तो डायरीया  और लूज मोशन का जो कारण है अगर हमने खाने का ध्यान नहीं रखा हो बासी खाना खा लिया हो तो हमें लूज मोशन हो जाता है तो बाएं हाथ के अंगूठे का पहला जॉइंट पर (ऐनस  के पॉइंट) पर येलो और ब्लैक कलर को चारों तरफ घुमा कर एक रिंग की तरह कलर लगाना चाहिए इससे दस्त में फर्क पड़ेगा.

       Colour therpy for ACDT (गैस और जलन) -जिसको जलन होती है,डकार आती है, छाती में भारीपन लगता है, माइग्रेन अटैक, गैस बनती है तो हमें बैंगनी और और हरा कलर  प्रतिदिन 40 मिनट रोज लगाना चाहिए. बाएं हाथ की इंडेक्स फिंगर का अप्पर जॉइंट का अप्पर जॉइंट जॉइंट दाएं हाथ की रिंग फिंगर का अप्पर जॉइंट जॉइंट पर यह दोनों कलर के पुरा सर्कल बनाना है 

     Colour therpy for weight loss (वजन कम करना) -अगर हमें वजन कम करना है तो बाएँ हाथ की (छोटी)स्मॉल  फिंंगर के मिडिल जॉइंट पर लाइट ब्लू और ऑरेंज कलर लगाना चाहिए. इसके साथ खाने में सही डाइट लें, एक्सरसाइज करें, योगा  और घुमने भी जाये,इन सब से आपका 100% वेट लॉस जरूर जरूर होगा.

              Colour therpy for sugar        ( डायबिटीज)- आजकल  शुगर बीमारी आम हो गई चाहे वह छोटा बच्चा हो  या बड़ा या कोई भी बुजुर्ग बहुत से लोगों को शुगर की  समस्या होती है इस समस्या होने पर हमें बाएं हाथ की इंडेक्स फिंगर के मिडिल जॉइंट पर लाइट ब्लू कलर लगाना चाहिए. जिससे हम शुगर पर कंट्रोल कर सके.

                Colour therpy for  Sinus (साइनस) - साइनस नाक की समस्या है, यह बीमारी उस स्थिति में होती है, जब किसी व्यक्ति की नाक की हड्डी बढ़ जाती है और जिसकी वजह से उसे जुखाम रहता है।बहुत से लोगों को साइनस के दिक्कत होती है नाक ब्लॉक रहने के खुब छीकें  आने की नाक में पॉलिक होने  पर दोनों हाथ के रिंग फिंगर के मिडिल जॉइंट पर लाइट ब्लू और ऑरेंज कलर लगाएं.

https://healthcare108108.blogspot.com/2020/11/how-do-you-do-color-therapy-at-home-2020.html?m=0

          

हमें कलर थेरेपी में तीन बातों का बहुत ध्यान रखना चाहिए :-

   1.    गर्भवती औरत (प्रेगनेंट  लेडीज) को कभी भी कलर थेरेपी का यूज नहीं करना चाहिए.

  2.     पिरियड टाइम में कलर थैरेपी का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए.

  3.    कलर लगाने के बाद कम से कम 40 मिनट तक रखना चाहिए.

कलर थेरेपी का पूरा बेसिक जानना हो तो नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करो

https://healthcare108108.blogspot.com


Comments

  1. Colour therapy ye hath me ring ki tarh hi lgate hai or bimariyo ka treatment btaye app .kya bajra khane se vajan kam hota hai .eska btaye ap

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    1. Ji ha hand par ring ki tarah guma kar ke lgate hai. Me Or post likhugi jisse ap colour therpy treatment me jan payege. Bajra khane se weight loss hota hai ya nhi jaldi eski post likh k apko ko sand krugi

      Delete

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